April 25, 2024

पुंगरखेत गांव के ग्रामीणों को भूधंसाव से खतरा

बागेश्वर। बाछम गांव के पुंगरखेत गांव की भूमि 2013 से धंस रही है। यहां रहने वाले 15 परिवारों ने अन्यत्र बसाने की मांग की है। उनका कहना है कि गांव में वोट मांगने के लिए पांच वर्ष में राजनीतिक पाॢटयां आती हैं। उसके बाद ग्रामीणों को उनके हाल पर छोड़ दिया जाता है। इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि यदि उन्हें सुरक्षित स्थान और आवास बनाने को मदद नहीं मिली तो वे आंदोलन को बाध्य होंगे। ग्रामीण केदार सिंह, दान सिंह, प्रवीण सिंह, दरवान सिंह, नरेंद्र सिंह, नारायण सिंह समेत सात परिवारों को सबसे अधिक खतरा बना हुआ है। ग्रामीणों ने कहा कि उनके मकानों के पीछे नौ वर्ष से भूमि धंस रही है। कई बार जनप्रतिनिधियों से शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि वे बरसात के दिनों में रात्रि को ठीक से सो भी नहीं पाते हैं। उन्हें किसी अनहोनी का भय बना रहता है। अभी तक उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर भी नहीं मिल सका है। वे अपने पैतृक जर्जर मकानों में गुजर-बसर करने को मजबूर हैं। कांग्रेस के सजन लाल टटा ने कहा कि अधिकतर ग्रामीण गांव में पशुपालन करते हैं, जिससे उनकी आजीविका चल रही है। उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे को जिला प्रशासन तक ले जाएंगे। यदि उसके बावजूद किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई तो ग्रामीणों के आंदोलन को समर्थन करेंगे। ग्रामीण महिपाल सिंह, प्रवीण सिंह, लछम सिंह, सुरेंद्र सिंह आदि ने कहा कि पांच वर्ष में चुनाव के समय पाॢटयों के कार्यकर्ता गांव का रुख करते हैं। ऐसे लोगों को इस बार सबक सिखाई जाएगी।
वाछम गांव भूस्खलन और भूकंप की दृष्टि से अतिसंवेदनशील है। जोन पांच में आता है और भूधंसाव लंबे समय से हो रहा है। पुंगरखेत के ग्रामीणों को सरकार को अन्यत्र बसाना चाहिए। उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान आदि की सुविधा मिलनी चाहिए। -ललित फस्र्वाण, पूर्व विधायक, कपकोट।
मेरा विधानसभा क्षेत्र भूकंप और भूस्खलन की दृष्टि से जोन पांच में आता है। भूधंसाव का मामला उनके संज्ञान में नहीं है। स्थानीय लोगों को हरसंभव मदद की जाएगी। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्रधान और ग्राम विकास अधिकारी स्तर पर चर्चा होगी। -बलवंत भौर्याल, विधायक, कपकोट।