March 19, 2024

डॉ गौरव संजय ने कनाडा में दी अपनी शोध प्रस्तुति

डाॅ. गौरव संजय ने कनाडा में आयोजित विश्व आॅर्थोपीडिक सम्मेलन में दी शोध प्रस्तुति

देहरादून,( आखरी आँख समाचार ) संजय आॅर्थोपीडिक, स्पाइन एवं मैटरनिटी सेंटर जाखन राजपुर रोड देहरादून के आॅर्थोपीडिक एवं स्पाइन सर्जन डाॅ. गौरव संजय ने कनाडा के मोेनट्रियल शहर में आयोजित 39वें सीकोट आॅर्थोपीडिक वल्र्ड कान्फ्रेंस में अपने क्लीनिकल रिसर्च कार्य को प्रस्तुत किया। सड़क दुर्घटनाओं ने अपने देश में एक महामारी का रूप ले लिया है।
उन्होंने कहा कि भारत की सड़क यातायात मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार 2017 में लगभग 5 लाख दुघटनाएँ घटी और जिनमें से लगभग एक तिहाई (33.9प्रतिशत) दुघटनाएँ दो पहिया वाहनों के चालाकों के साथ हुई तथा जिनमें से एक तिहाई (29.8 प्रतिशत) घटनाऐं जानलेवा थी। डाॅ. गौरव संजय ने अपने एक शोध में पाया की दुपहिया वाहन चालकों के घुटनों में सबसे ज्यादा चोटें आती है। उनमें से लगभग 10 प्रतिशत लोगों कीे टाँगों में फ्रैक्चर होने के बाद खून का दौरा कम हो जाता हैं।
डाॅ. संजय ने कुछ फोटों के द्वारा यह बताया की घुटनों के फ्रैक्चर के कारण टाँगों में खून का दौरा कुछ घंटो में ही और निश्चित तौर पर एक दिन के अन्दर बंद हो जाता है। टाँगों के अन्दर या बाहर चोट लगने से खून की नसों के ऊपर दवाब धीरे-धीरे बढ़ता जाता हैै। यदि ऐसी स्थिति में खून की नसों के ऊपर दवाब को नहीं हटाते तो यह दवाब अन्तत खून के बहाव को बिलकुल बन्द कर देता है जिससे टाँगे पहले नीली फिर काली और अन्तत सूख ही जाती हंै। खून बन्द होने पर घुटनों कीे चोटे आॅर्थोपीडिक सर्जन के लिए बहुत बड़ी समस्या होती है। डाॅ. गौरव संजय ने विश्व आॅर्थोपीडिक सम्मेलन में अपने शोध के परिणामों से बताया कि हम अप्रैल 2011 से दिसम्बर 2017 के बीच में भर्ती दुपहिया वाहनों के चालको में आयी इस समस्या से कैसे बच सकें। अपने इस शोध प्रस्तुतिकरण केे दौरान अपने अनुभव को विश्व प्रसिद्व कनाडा के आॅर्थोपीडिक सर्जन प्रोफेसर जोसिफ सैजकर के साथ बाँटे। डाॅ. सैजकर के नाम पर घुटनों के फ्रैक्चर के ऊपर सैजकर वर्गीकरण किया गया है। जो कि 1979 में पहली बार आॅर्थोपीडिक के शोध पत्रिकाओं में छपा था।