April 19, 2024

नये साल पर नई सोच नई खुशियां हो!


नया साल निश्चित ही नई खुशियों की सम्भावना लेकर आता है।हालांकि पहले कोरोना और अब उससे भी खतरनाक ओमिक्रान का खतरा नए साल में सिर पर मंडरा रहा है।जिसे सावधानी ही बचाव के तरह हम टाल सकते है।हम सब सोचते है इस साल जो हुआ सो हुआ लेकिन  हम सबके  लिए आने वाला साल अच्छा ही हो।इसीलिए नये वर्ष का जुनून हर किसी के सिर चढक़र बोलता है।हर कोई चाहता है कि नये साल में उसके मन की सारी मुरादे पूरी हो जाये और आने वाला साल उप्लब्धयो भरा सिद्ध हो।नये वर्ष को मनाने के बारे में कहा जाता है ,नव वर्ष लगभग 4,000 वर्ष पहले बेबीलीन नामक स्थान से मनाया जाना शुरू हुआ था। प्रत्येक वर्ष एक जनवरी को मनाया जाने वाला यह पर्व ग्रेगोरियन कैलेंडर पर आधारित है। इसकी शुरुआत रोमन कैलेंडर से हुई है। इस  रोमन कैलेंडर का नया वर्ष 1 मार्च से शुरू होता है, लेकिन रोमन के प्रसिद्ध सम्राट जूलियस सीजर ने 46 वर्ष ईसा पूर्व में इस कैलेंडर में परिवर्तन किया था। इसमें उन्होंने जुलाई का महीना और इसके बाद अपने भतीजे के नाम पर अगस्त का महीना जोड़ दिया।  तब से  नया साल 1 जनवरी को मनाया जाने लगा।हालांकि हिन्दू संवत्सर के अनुसार अभी भी चैत्र मास प्रतिपदा से ही नये वर्ष की शुरुआत मानी जाती है।लेकिन अधिकांश लोग दुनियाभर मे एक जनवरी को ही नववर्ष के रूप मे मनाते है।हिन्दू धर्म के अनुसार  ब्रह्मा जी ने हिन्दू संवत्सर के पहले  दिन सृष्टि की रचना प्रारंभ की थी। इसलिए इस दिन से नव वर्ष का आरंभ भी होता है। इस्लामी कैलेंडर के अनुसार मोहर्रम महीने की पहली तारीख को नया साल हिजरी शुरू होता है।  जिसका प्रचलन आज भी जारी है।अपने देश में नववर्ष सभी स्थानों पर अलग-अलग तिथियों पर मनाया जाता है। ज्यादातर ये तिथियां मार्च और अप्रैल के महीने में पड़ती हैं। पंजाब में नया साल बैशाखी के रूप में 13 अप्रैल को मनाया जाता है। सिख धर्म को मानने वाले इसे नानकशाही कैलेंडर के अनुसार मार्च में होली के दूसरे दिन मनाते हैं। जैन धर्म के लोग नववर्ष को दिवाली के अगले दिन मनाते हैं। यह भगवान महावीर स्वामी की मोक्ष  प्राप्ति के अगले दिन से शुरू होता है।  दुनियाभर में नववर्ष अलग अलग ढंग से मनाया जाता है। इसे मनाने की हर देश की अपनी एक अलग परंपरा है जिसके पीछे कुछ प्रतीक भी हैं और खुशिया मनाने के तरीके भी निराले है।
नववर्ष पर पर्यावरण सुरक्षा के लिए कुछ ऐसा करे जो अनुकरणीय हो, इसके लिए नववर्ष में कुछ नए पौधे लगाकर प्रकर्ति को और भी सुंदर बनाने का संकल्प लिया जा सकता है।घर के हर सदस्य से कही न कही एक पौधा लगवाये और उसका पोषण भी हो।नववर्ष का जश्न घर मे खुशियां मनाकर  किया जा सकता है।अपने परिजनों,मित्रो के साथ भी नववर्ष पार्टी सेलिब्रेट कर सकते है. इसके लिए आप किसी होटल में कास्सिनो या क्लब में जाकर भी मौज मस्ती कर सकते है।लेकिन यह मौज मस्ती सात्विक हो तो बेहतर है।
  नववर्ष पर अपने परिवार के साथ समय बिता सकते है क्योंकि कई बार आप समय की व्यस्तता के कारण परिवार को समय नहीं दे पाते है। इस दिन आप अपने परिवार को खाने पर कही बाहर लेकर जा सकते है और उन्हें कुछ उपहार भी दे सकते है।
साथ ही पिकनिक या मूवी प्लान कर सकते है। नववर्ष पर अपने परिवार या मित्रो के साथ मिलकर पिकनिक या सिनेमा देखने की योजना बना सकते है। लेकिन सबसे आवश्यक यह है कि आप नववर्ष पर परमात्मा को याद करना और उन्हें नमस्कार करना न भूले।साथ ही नये वर्ष पर कुछ अच्छा करने का संकल्प लेकर अच्छा सोचना शुरू करे तो सहज ही संकल्प पूरा हो जाएगा। परमात्मा से प्रार्थना है कि हे, परमात्मा यह वर्ष हम सबके लिए,अपने देश और समाज के लिए कल्याणकारी हो तथा दुनिया से हिंसा समाप्त होकर शांति सदभाव का वातावरण बना रहे।साथ ही कोरोना,ओमिक्रान ,डेंगू जैसी बीमारियों से हम व हमारा देश ही नही पूरी दुनिया मुक्त हो।तभी नव वर्ष की खुशी बनी रह सकती है।