April 18, 2024

सड़क पर मिले ढाई लाख रूपए लौटाकर छात्र ने पेश की ईमानदारी की मिसाल राजकीय इंटर कालेज भेल सेक्टर वन में 11वीं का छात्र है उजैर पिता करते हैं कारपेंटर का काम


हरिद्वार।  ईमानदारी केवल किताबों में ही नहीं है। हकीकत की दुनिया में ईमानदारी आज भी जिंदा है। अकसर लोग इसे साबित भी करते हैं। राजकीय इंटर कालेज भेल सेक्टर वन के 11वीं के छात्र ज्वालापुर के नील खुदाना निवासी उजैर ने सड़क पर पड़े मिले ढाई लाख रूपए लौटाकर ईमानदारी की मिसाल पेश की है। स्कूल के प्रधानाचार्य सुनित कुमार, शिक्षिका अंजू सैनी, कविता शर्मा, नुसरत बेगम, ज्योति बिजलवान, शिक्षक सतीश सैनी, मुकेश कुमार, प्रदीप कुमार आदि ने जुबैर को पुरूस्कार प्रदान कर आशीर्वाद दिया।
उजैर ने बताया कि शनिवार को स्कूल की छुट्टी होने पर वह साईकिल से अपने घर ज्वालापुर लौट रहा था। वापस लौटते भेल मैट्रियल गेट के निकट स्कूटी से जा रहे एक व्यक्ति का थैला गिर गया। थैला गिरते देख उसने स्कूटी सवार को कई आवाजें लगाई। लेकिन जल्दबाजी में जा रहे स्कूटी सवार ने आवाज नहीं सुनी। तब उसने थैला उठाकर देखा तो उसमें कुछ कागजाज तथा काफी रुपया था। उसने थैला उठाया और रूकूटी सवार को ढूंढते हुए ट्रेनिंग स्कूल के चौराहे के समीप पहुंचा तो वह बदहवास स्थिति में सड़क पर कुछ ढूंढता हुआ मिल गया। उसने जब उससे जानकारी की और यह पक्का हो गया कि थैला उसी का था। तो उसने अपने बैग में सुरक्षित रखा थैला और उसमें मौजूद पैसे उस व्यक्ति को वापस कर दिए। जिस पर वह व्यक्ति बहुत खुश हुआ उसने बताया कि वह अपनी बहन की शादी के लिए बैंक से पैसा निकाल कर ले जा रहा था। उसने बताया कि सड़क पर गिरी रकम ढाई लाख रुपए थी। बहन की शादी के लिए निकाले पैसे मिलने पर उसने उजैर को धन्यवाद दिया। प्रधानाचार्य सुनित कुमार ने उजैर ने प्रशंसा करते हुए कहा कि ईमानदारी की मिसाल पेश करते हुए उजैर ने रास्ते में पड़ी मिली ढाई लाख रुपए की रकम उसके वास्तविक स्वामी को वापस कर अपने परिजनों व विद्यालय का नाम रोशन किया है। उन्होंने बताया कि उजैर विद्यालय में 11वीं बायोलॉजी का छात्र है तथा पढ़ाई के प्रति संजीदा है। उजैर के पिता नवाब अली कारपेंटर का काम करते हैं। परिवार की साधारण आर्थिक स्थिति के बावजूद ईमानदारी की मिसाल पेश करने वाले उजैर पर विद्यालय के सभी शिक्षिको, शिक्षिकाओं व छात्र छात्राओं को गर्व है। अपने पुत्र की इस ईमानदारी पर उजैर के माता पिता ने भी फख्र महसूस करते हुए उसकी की प्रशंसा की।