April 18, 2024

एयर इंडिया के लिए टाटा और स्पाइसजेट ने लगाई बोली

नई दिल्ली ,। टाटा संस और स्पाइसजेट ने एयर इंडिया की बिक्री के लिए आधिकारिक तौर पर अपनी-अपनी बोलियां जमा कर दी हैं। अब अंतिम चरण में पहुंच गई है.टाटा संस और स्पाइसजेट के प्रमोटर अजय सिंह ने राष्ट्रीय एयरलाइन में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए अपनी अंतिम बोलियां जमा की हैं।
सूत्रों के मुताबिक घरेलू विमानन कंपनी स्पाइसजेट के प्रमोटर सिंह ने कुछ अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर एयरलाइन के लिए एक संयुक्त बोली लगाई है। टाटा की वर्तमान में दो एयरलाइनों में हिस्सेदारी है, जिसमें  एयरएशिया इंडिया, जो एक कम लागत वाली एयरलाइंस है और दूसरी फुल सर्विस एयरलाइन विस्तारा है। इस बात पर कोई स्पष्टता नहीं है कि बोली के लिए दो एयरलाइन कंपनियों में से कौन सी वाहन होगी। केंद्र सरकार एयर इंडिया में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचना चाहती है. एयर इंडिया के लिए बोली लगाने की समय सीमा बुधवार को समाप्त हुई। विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पहले ही साफ कर दिया था बोली लगाने की समय सीमा आगे नहीं बढ़ाई जाएगी। एयर इंडिया की बिक्री में एआई एक्सप्रेस लिमिटेड में एयर इंडिया की 100 फीसदी हिस्सेदारी और एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड की 50 फीसदी हिस्सेदारी शामिल है।
वित्तवर्ष 2021-22 के बजट भाषण के दौरान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सभी प्रस्तावित निजीकरण की प्रक्रिया वित्तीय वर्ष के अंत तक पूरी हो जाएगी, जिसमें एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश में बहुत देरी भी शामिल है। एयर इंडिया पर भारी कर्ज मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक अगर बोलियां सही पाई जाती हैं और प्रक्रिया सही ढंग से चलती है तो इस साल दिसंबर या अगले साल मार्च तक एयर इंडिया को उसका नया मालिक मिल जाएगा। एयर इंडिया पर करीब 43,000 करोड़ का कर्ज है, जिसमें से 22,000 करोड़ रुपये एयर इंडिया एसेट होल्डिंग लिमिटेड को ट्रांसफर कर दिए जाएंगे। टाटा ने ही की थी शुरूआत टाटा ने 1932 में टाटा एयरलाइंस की स्थापना की, जिसे बाद में 1946 में एयर इंडिया नाम दिया गया। सरकार ने 1953 में एयरलाइन का अधिग्रहण कर लिया था लेकिन जेआरडी टाटा 1977 तक इसके चेयरमैन बने रहे।
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