April 19, 2024

मुनाफे के फेर में श्रमिकों की जान जोखिम में

अल्मोड़ा। फायर सीजन में जंगल के जंगल आग से खाक हो चुके हैं तो वहीं दूसरी ओर मुनाफे के फेर में श्रमिकों की जान खतरे में डाली जा रही है। देहुली वन क्षेत्र में श्रमिकों से वन संपदा का ढुलान करवाया जा रहा है। जंगलों में फैलती आग के बीच लकडिय़ों का ढुलान वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहा है। मामला काकड़ीघाट खूंट मोटर मार्ग से सटे देहुली वन क्षेत्र का है। आसपास के जंगल लगातार आग से खाक होते जा रहे हैं। कई हेक्टेयर क्षेत्र में वन संपदा जलकर खाक हो चुकी है। जंगली जानवरों को भी नुकसान पहुंचने की आशका है। वहीं, संबंधित विभाग आग को काबू करने के बजाय देहुली वन क्षेत्र में श्रमिकों की जान जोखिम में डाल चीड़ के गिल्टे व लकडिय़ों का ढुलान करा रहा है। यही नहीं, श्रमिकों का टेंट भी जंगलों के बीच गड़ा हुआ है जिससे बड़ी जनहानि की आशंका बनी है। मुनाफे के फेर में पांच से अधिक श्रमिकों की जान जोखिम में है। ग्रामीणों ने वन विभाग की कार्यशैली पर रोष जताया है। आरोप लगाया कि जंगल के जंगल दावानल से खाक हो चुके हैं। जंगलों को बचाने के बजाय वन विभाग श्रमिकों की जान खतरे में डाल रहा है। वन रेंजर हरीश टटा ने मामले में डीएफओ की अनुमति दिए जाने की बात कही है। हालाकि उन्होंने बाद में कार्य रोकने के निर्देश देने की भी बात कही। वन रेंजर ने साफ किया कि फायर सीजन में जंगलात में किसी भी ढुलान व चिरान की अनुमति नहीं है।
तिपोला का जंगल आग से खाक
ताड़ीखेत ब्लॉक के भुजान रिची बिल्लेख मोटर मार्ग से सटे तिपोला, सिमोली व पपना का जंगल सोमवार को दावानल की भेंट चढ़ गया। जंगल से उठी आग की लपटों ने कुछ ही देर में विकराल रूप धारण कर लिया। देखते ही देखते कई हेक्टेयर वन संपदा जलकर खाक हो गई। वातावरण में चारों ओर धुआ ही धुआ फैल गया। ग्रामीणों के फलदार वृक्षों को भी नुकसान होने की आशका है। ग्रामीणों ने वन क्षेत्रों में आग लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की माग उठाई है।