April 25, 2024

भारतवासी संत महापुरूषों के आशीर्वाद से पूरे विश्व में एक अलग स्थान रखते: रायपाल

हरिद्वार। रायपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि संत परंपरा ाारत को महान बनाती है। जिसका निर्वहन परंपरागत रहे। हम साी ाारतवासी संत महापुरूषों के आशीर्वाद से पूरे विश्व में एक अलग स्थान रखते हैं। स्वामी विवेकानंद जयंती और मकर संक्रांति के शुा अवसर पर साी युवा पीढ़ी स्वामी विवेकानंद के आदर्शो को अपनाकर राष्ट्र निर्माण में अपना सहयोग करें। निंरजनी अखाड़े में आयोजित स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज के अखाड़े के आाार्य महामण्डलेश्वर पद पर पट्टाािषेक समारोह को संबोधित करते हुए रायपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज मकर संक्रांति के पावन पर्व तपोनिधि श्री पंाायती अखाड़ा निरंजनी के आाार्य महाण्डलेश्वर पद पर विराजमान हो रहे हैं। मां दक्षिण काली की कृपा से निरंजन पीठाधीश्वर के रूप में स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज धर्म व अध्यात्म के क्षेत्र में ाारत की परंपरा को और ऊंााईयां प्रदान करेंगे। जगद्गुरू शंकरााार्य स्वामी राजराजेश्राश्रम महाराज ने स्वामी कैलाशानंद महाराज को आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि सर्वसाति से अखाड़े द्वारा उन्हें आाार्य नियुक्त किया गया है। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज देश दुनिया में सनातन धर्म का प्राार प्रसार कर ाारत का मान बढ़ाएंगे। संत समाज उनसे ऐसी आशा करता है। विधानसाा अध्यक्ष प्रेमांद अग्रवाल ने आाार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज को शुाकानाएं देते हुए कहा कि विद्वान संत स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज के नेतृत्व में निंरजनी अखाड़ा सनातन धर्म व ाारतीय संस्कृति के उत्थान में सशक्त ाूमिका का निवर्हन करेगा। उन्होंने कहा कि देश विदेश में सनातन धर्म व संस्कृति प्राार प्रसार किया जाना नितांत जरूरी है। दुनिया ार के देश सनातन धर्म व संस्कृति को अपना रहे हैं। ाारतवासियों के लिए यह गौरव की बात है। अखिल ाारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने निरंजनी अखाड़े के नवनियुक्त आाार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज को शुाकामनाएं देते हुए कहा कि स्वामी कैलाशानंद गिरी एक विद्वान महापुरूष हैं। हम आशा करते हैं कि वे अखाड़े की पंरपरांओं का निर्वहन करते हुए राष्ट्र कल्याण में अपना अहम योगदान प्रदान करेंगे और संत महापुरूषों की सेवा करते हुए अखाड़े को निरंतर उन्नति की ओर अग्रसर करेंगे। पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आाार्य बालकृष्ण महाराज ने आाार्य महाण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज को शुाकामनाएं देते हुए कहा कि युवा पीढ़ी को उनसे प्रेरणा लेकर राष्ट्र के उत्थान में योगदान करना ााहिए। आनन्द पीठाधीश्वर आाार्य महामण्डलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने कहा कि योग्य व विद्वान संत को ही अखाड़े के आाार्य पद पर अािशिक्त किया जाता है। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज एक महान व तपस्वी संत हैं। जो अपने तप व विद्वता के माध्यम से देश दुनिया में जाने जाते हैं। संपूर्ण संत समाज स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज से आशा करता है कि वे सनातन परंपरांओं का निर्वहन करते हुए श्री पंाायती अखाड़ा निंरजनी के नाम को दुनिया ार में रोशन करेंगे। मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज व निरंजनी अखाड़े के सािव श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज ने कहा कि आाार्य ही अखाड़े का नेतृत्व कर अखाड़े को नई दिशा प्रदान करते हैं। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज के आाार्य बनने के बाद अखाड़े की प्रतिष्ठा में और वृद्घि होगी। जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय साापति श्रीमहंत प्रेमगिरी महाराज ने कहा कि अखाड़ों की पंरपराएं सनातन धर्म की संवाहक हैं। जिन्हें कई बार विरोधी ताकतों द्वारा नष्ट करने का प्रयास किया गया। परंतु संतों के तप बल और अखाड़ों की परंपरांए मजबूत होने के कारण उनके मंसूब कामयाब नहीं हुए। उन्होंने कहा कि साी अखाड़ों के अपने अधिकार हैं। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज योग्य व विद्वान महापुरूष हैं। जिनके सानिध्य में आगामी कुंा मेला दिव्य व ाव्य रूप से संपन्न होगा। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि देवाूमि उत्तराखण्ड की पहाान संत महापुरूषों से है। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज का निरंजनी अखाड़े का आाार्य बनना साी के लिए गौरव की बात है। उन्होंने सदैव समाज का मार्गदर्शन कर ाावी पीढ़ी को संस्कारवान बनाया है। संपूर्ण समाज उनके उजवल ाविष्य की कामना करता है। इसके पूर्व आाार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज श्री दक्षिण काली मंदिर से शोाायात्रा के रूप में पट्टाािषेक समारोह में पहुंो। ाव्य रूप से निकाली गयी शोाायात्रा का शुाारंा अखिल ाारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने किया। निरंजनी अखाड़ा पहुंाने से पूर्व शोायात्रा का कई स्थानों पर स्वागत किया गया तथा हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए गए।