April 19, 2024

उत्तराखंड के लिए वरदान बन सकती है ड्रोन तकनीकी

देहरादून। राय में आपदा प्रबंधन से लेकर स्वास्थ्य सेवाओं को उपलब्ध कराने में ड्रोन तकनीकी का व्यापक इस्तेमाल की उमीद जगी है। इसके लिए केंद्र सरकार ने उत्तराखंड को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन ड्रोन टेक्नोलॉजी का तोहफा दिया है। इस सेंटर की स्थापना देहरादून के आईटी पार्क में की जा रही है, जहां ड्रोन की अत्याधुनिक तकनीकी पर शोध किया जाएगा। उत्तराखंड सरकार ने आईटी पार्क में ड्रोन संबंधित शोध कार्य के लिए रिसर्च सेंटर स्थापित किया हुआ है। गत दो साल में इस सेंटर ने अछी प्रगति दर्ज की है। राय सरकार की पहल को देखते हुए अब केंद्र सरकार ने यहीं पर ड्रोन तकनीकी के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस भी मंजूर किया है। एसटीपीआई के अधीन प्रस्तावित नए इंक्यूबेंशन सेंटर में ड्रोन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की भी स्थापना की जानी है। इस सेंटर का शिलान्यास शुक्रवार को केंद्रीय आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ऑनलाइन तरीके से करेंगे। जबकि आईटी पार्क में राय मे मुयमंत्री त्रिवेंद्र रावत शामिल होंगे। अगले डेढ़ साल में सेंटर के बन जाने की उमीद है।
मानव रहित ड्रोन उत्तराखंड जैसे विषय भूगोल वाले राय में नागरिक सेवा प्रदान करने में अहम भूमिका निभा सकता है। पिछले दिनों टिहरी जिले में ड्रोन के जरिए मरीज का सैपल जांच के लिए जिला मुयालय तक पहुंचाने का प्रयोग सफलता पूर्वक अंजाम दिया गया। राय सरकार इसी तरह आपदा प्रबंधन, वनाग्नि रोकने, कानून व्यवस्था बनाए रखने में ड्रोन का व्यापक इस्तेमाल करने की तैयारी कर रही है। आईटीडीए निदेशक अमित सिन्हा के मुताबिक ड्रोन तकनीकी भविष्य में सभी क्षेत्रों में व्यापक रूप से इस्तेमाल होगी। आपदा से लेकर पलायन के चलते खाली हो रहे सीमांत में निगरानी ड्रोन से की जा सकती है। उत्तराखंड में चूंकि पहले ही राजकाज में ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसलिए अब सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बन जाने से इसमें और गति मिलनी की उमीद है।
ई वेस्ट स्टूडियो भी तैयार: आईटीडीए भवन में निर्मित ई वेस्ट स्टूडियो का लोकार्पण भी शुक्रवार शाम को मुयमंत्री त्रिवेंद्र रावत के हाथों किया जा रहा है। ई वेस्ट स्टूडियो का निर्माण, सरकारी दतरों से जुटाए गए इलेक्ट्रोनिक कचरे से किया गया है। इसमें एक लाख सो यादा इस्तेमाल हो चुकी सीडी को जोडकर छत बनाई गई है। आईटीडीए निदेशक अमित सिन्हा के मुताबिक ई वेस्ट आज के दौर की प्रमख समस्या बनती जा रही है। लेकिन इसके वैज्ञानित समत निस्तारण के लिए जानकारी का अभाव है। ई वेस्ट स्टूडियो लोगों को इसके लिए प्रेरित करेगा। लोग अपने घर का ई वेस्ट भी यहां लाकर दे सकेंगे।