जल संस्थान के अंशकालिक मजदूरों ने सम्मान जनक मानदेय मांगा
बागेश्वर। जल संस्थान के पेयजल आपूर्ति और पाइप लाइन की देखरेख में रखे अंशकालिक मजदूरों को सालों काम करने के बाद भी विभाग से बहुत कम मानदेय मिलता है। विभाग में स्थाई नियुक्ति की आस लगाए कर्मचारियों में मानदेय भी नहीं बढऩे पर गहरी नाराजगी है। आक्रोशित मजदूरों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उन्हें समानजनक मानदेय दिलाने की मांग की है। उत्तराखंड जल संस्थान मजदूर संघ के अध्यक्ष धरम सिंह ने बताया कि अंशकालिक तौर पर विभाग में काम कर रहे मजदूर बेहद तंगी में जी रहे हैं। उन्होंने बताया कि ग्रामीण पेयजल आपूर्ति, पाइप लाइन की देखरेख और रखरखाव के लिए 2800 रुपये मासिक मानदेय और पीटीसी के पदों पर 20-25 साल पहले कर्मचारियों को मासिक नियुक्ति दी गई थी। इन मजदूरों से नियमित तौर पर दिन में चार से छह घंटा काम लिया जाता है। कभी कभार पूरे दिन भी काम करना पड़ता है। इसके बावजूद उनके मानदेय में सरकार ने आज तक बढ़ोतरी नहीं की। उत्तराखंड सरकार भी इन कर्मचारियों की सुध नहीं ले रही है। इससे कर्मचारी बेहद तंगी में परिवार का पालन पोषण करने को मजबूर हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस समस्या का जल्द संज्ञान लेकर निदान करने की मांग की। इस मौके पर हरीश चंद्र कंसेरी, कमलकांत मिश्रा, किशोर जोशी आदि मौजूद रहे।